Bastar Woodcraft: काष्ठ कला के माध्यम से लकड़ी पर उकेरते हैं जिंदगी की कहानी - Watch Video

Publish Date: 05 Jan, 2020
 
Bastar संभाग के Kondagaon क्षेत्र में कई शिल्पकार खेती किसानी के साथ-साथ कास्ठ शिल्प कला में भी अपनी पहचान बना रहे हैं। वे अपनी सभ्यता व संस्कृति को कला के माध्यम से प्रदर्शित कर उसे जीवन निर्वाह का जरिया बना चुके हैं। साथ ही कला के जरिए पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दे रहे हैं। काष्ठ शिल्प हुनरमंद हाथों के लिए रोजगार का मुख्य जरिया बन चुका है। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य कोंडागांव के एक कलाकार हैं, जो काष्ठ शिल्प की कलाकारी के जरिए कृषि की चुनौतियों, स्थानीय समुदाय की परंपरा व संस्कृति को काष्ठ स्तंभ पर उकेरकर देश व दुनिया में प्रदर्शित करने में जुटे हैं।उम्र के 50वें पड़ाव पर पहुंचे कोराम ने बताया कि वे पहले मजदूरी का कार्य करते थे। नारायणपुर गिट्टी तोड़ने के लिए गए उसी दौरान, खदान के पास झाड़ के नीचे बैठकर एक कलाकार लकड़ी पर माडिया-माडीन की मूर्ति बना रहा था। देख कर मेरे मन में भी मूर्तिकला की ओर आकर्षण पैदा होने लगा। घर में आकर लकड़ियों की छोटी-छोटी मूर्तियां बनाने का प्रयास करने लगा। उसी दौरान कोंडागांव के भेलवा पदर पारा स्थित शिल्प ग्राम में कला केंद्र की स्थापना हुई।
 

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