पौराणिक परंपरा में डूबे लोग कशी में खेली भस्म की होली

Publish Date: 29 Jun, 2021
 

 धर्म नगरी काशी में होली की परंपरा कुछ अनूठी है. यहां होली के त्‍योहार से पहले महाश्‍मशान में चिता भस्‍म से होली खेली जाती है. मणिकर्णिका घाट पर इसे ‘मसान की होली’ के नाम से जाना जाता है.पौराणिक मान्‍यता के तहत रंगभरी एकादशी के दिन रंगभरी एकादशी पर काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ जगत जननी गौरा पार्वती, की विदाई कराने यहां काशी पधारते हैं। जिसके अगले दिन महादेव के भक्‍त मणिकर्णिका घाट पर चिता भस्‍म की होली खेलते हैं. महादेव के विवाह का ये कार्यक्रम होली तक चलता है।  महादेव भी अपने प्रिय भक्तों के साथ महाश्मशान पर पहुंचकर होली खेलने पहुंचते हैं। बाबा विश्वनाथ अपने बारातियों के साथ महाश्‍मशान पर दिगंबर रूप में होली खेली.  

 

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