Mangal Pandey Birth Anniversary: भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना पूरा जीवन कुर्बान कर दिया। इनमे मंगल पांडे, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद से लेकर राजगुरु तक कई क्रांतिकारियो का नाम शामिल है। इन्हीं में से एक मुख्य स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे की आज जयंती है। 19 जुलाई, 1827 को उत्तर प्रदेश में बलिया के निकट नगवा गांव में मंगल पांडे का जन्म हुआ था। देश के युवाओं में आजादी को लेकर सबसे पहले उत्साह पैदा करने और क्रांति की लौ जलाने के लिए मंगल पांडे का योगदान कभी न भुलाए जाने वाला है।
ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ सबसे पहले बगावत की शुरुआत मंगल पांडे ने ही शुरू की थी। देश को आजादी बेशक 1947 में मिली हो, लेकिन आजादी की पहल 1957 में हुई थी। पहले स्वाधीनता आंदोलन में मंगलपांडे ने “मारो फिरंगी को” नारा भी दिया। ईस्ट इंडिया कंपनी की 34वीं बंगाल नेटिव इन्फैन्ट्री में मंगल पांडे सिपाही के तौर पर भर्ती हुए थे। नौकरी के करीब एक साल बाद कंपनी में नई इनफील्ड राइफल लाई गई।
इस राइफल में कारतूस को लोड करने के लिए मुंह से काटना होता था। जबकि यह कारतूस गाय और सुअर की चर्बी मिलकर बनी थ। जिस कारण भारतीय सैनिकों को ऐसा करना पूरी तरह से नामंजूर था। इस बात के विरोध में मंगल पांडे ने 29 मार्च 1857 को अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह कर दिया। उनके इस हमले से अंग्रेज थर्रा उठे थे।
इस हमले के लिए मंगल पांडे कि गिरफ्तारी हुई और मुकदमा भी चलाया गया। मंगल पांडे को इस विरोध और कई अंग्रेजी सैनिकों को मार गिराने को लेकर फांसी देने की घोषणा की गई। उन्हें 18 अप्रैल, 1957 के दिन फांसी दी जानी थी, लेकिन देश में क्रांति की बढ़ती तपस को देखकर 10 दिन पहले यानी 08 अप्रैल, 1957 को फांसी दे दी गई।
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