Publish Date: 04 Apr, 2025
Author: Anjum Qureshi
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Chaitra Navratri 9th Day Maa siddhidatri Puja Vidhi: नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। नवरात्रि की नवमी को महानवमी भी कहा जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से मां की पूजा की जाती है। मां की सवारी सिंह पर है और कमल पुष्प पर आसीन हैं। मां की चार भुजाएं हैं। मां के हाथ में चक्र और दूसरे हाथ में गदा है एक हाथ में शंख और एक हाथ कमल पुष्प है। मां की पूजा से भक्तों को सिद्धियां प्राप्त होती हैं। आइए जानते हैं मां सिद्धिदात्री के मंत्र, पूजा विधि और आरती।
मां सिद्धिदात्री पूजा मंत्र
ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:
या देवी सर्वभूतेषु सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
वन्दे वांछित मनोरथार्थ चन्द्रार्घकृत शेखराम्।
कमलस्थितां चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्वनीम्।।
सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।
मां सिद्धिदात्री पूजा विधि
नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
इस दिन सुबह जल्दी उठें।
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
घर और मंदिर की अच्छी तरह साफ-सफाई करें।
इसके बाद मां सिद्धिदात्री की पूजा करें।
मां को रोली, मोली, कुमकुम, पुष्प चुनरी अर्पित करें।
मां सिद्धिदात्री को हलुआ, पूरी, खीर, चने, नारियल का भोग लगाएं।
अंत में मां सिद्धिदात्री की आरती करें और मंत्रों का जाप करें।
मां सिद्धिदात्री की आरती
जय सिद्धिदात्री माँ तू सिद्धि की दाता।
तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता॥
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि॥
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।
जब भी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम॥
तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।
तू जगदम्बें दाती तू सर्व सिद्धि है॥
रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो॥
तू सब काज उसके करती है पूरे।
कभी काम उसके रहे ना अधूरे॥
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।
रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया॥
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।
जो है तेरे दर का ही अम्बें सवाली॥
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा॥
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।
भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता॥