Publish Date: 02 May, 2025
Author: Anjum Qureshi
Pinterest
Ganga Saptami 2025 Puja Vidhi: गंगा सप्तमी हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन मनाई जाती है। इस साल गंगा सप्तमी 3 मई को मनाई जाएगी। इस दिन पूरे विधि-विधान के पूजा की जाती है। इस दिन देवी गंगा का प्राकट्य हुआ था। मां गंगा को मोक्षदायिनी कहते हैं इसलिए इस दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन दान करना भी बहुत अच्छा माना जाता हैं। इस दिन कुछ खास दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन मां गंगा को प्रसन्न करने के लिए ऐसे करें पूजा, जानें पूजा विधि, मंत्र और आरती।
गंगा सप्तमी पूजा विधि
- गंगा सप्तमी के दिन सुबह जल्दी उठें।
- जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर और मंदिर की अच्छी तरह साफ-सफाई करें।
- इसके बाद एक कलश में गंगा जल लें।
- मां गंगा की मूर्ति स्थापित करें।
- इसके बाद मां को
- फूल, सिन्दूर, अक्षत, गुलाल, लाल फूल, लाल चंदन चढ़ाएं।
- मां को गुड़, मिठाई, फल का भोग लगाएं।
- धूप-दीप जलाकर श्री गंगा सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करें।
- पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें।
- इसके बाद आरती करें।
गंगा मंत्र
ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:
गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति
ॐ नमः शिवाय गंगायै नमः।
ॐ भागीरथी च विद्महे विष्णुपत्न्यै धीमहि। तन्नो जाह्नवी प्रचोदयात्॥
गंगा आरती
हर हर गंगे, जय मां गंगे, हर हर गंगे, जय मां गंगे
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता
चंद्र सी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता ।
शरण पडें जो तेरी, सो नर तर जाता
ओम जय गंगे माता
पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता ।
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता
ओम जय गंगे माता
एक ही बार जो तेरी, शारणागति आता ।
यम की त्रास मिटा कर, परमगति पाता
ओम जय गंगे माता
आरती मात तुम्हारी, जो जन नित्य गाता ।
दास वही सहज में, मुक्त्ति को पाता
ओम जय गंगे माता
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।