Hariyali Amavasya 2023: सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को प्रिय है। सावन का महीना बहुत खास होता है इसलिए इस महीने में आने वाले त्योहार भी बेहद खास होते हैं। सावन महीने की अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या या श्रावणी अमावस्या कहा जाता है और इस अमावस्या को महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करके पितरों को पिंडदान व श्राद्ध कर्म किया जाता है। हरियाली अमावस्या पर दान-पुण्य के कार्य भी किए जाते हैं। इस वर्ष श्रावणी अमावस्या 17 जुलाई को मनाई जाएगी।
17 जुलाई 2023 के दिन सूर्य का गोचर होने जा रहा है। इस दिन सूर्य देव कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। कर्क राशि में प्रवेश के कारण बुधादित्य नामक राजयोग बनने जा रहा है इसलिए इस दिन पूजा-पाठ और दान-पुण्य का कार्य करना बहुत अच्छा माना जाता है। ऐसा करने से सूर्य देव की कृपा बरसेगी। बुधादित्य राजयोग बहुत शुभ माना गया है।
पर्यावरण की दृष्टि से देखा जाए तो हरियाली अमावस्या का बहुत महत्व है। जैसे कि हरियाली नाम से ही पता चल रहा है। यह अमावस्या जीवन में पर्यावरण के महत्व को बताती है। किसानों के लिए यह अमावस्या बेहद शुभ मानी जाती है। इस दिन किसान भगवान से अच्छी फसल की कामना करते हैं साथ ही खेती में प्रयोग किए जाने वाले उपकरणों की पूजा की जाती है। इस दिन कुछ महत्वपूर्ण वृक्षों की भी पूजा होती है। श्रावण अमावस्या में भगवान शिव की पूजा होती है। इस दिन विशेष प्रकार से भोजन बनाते हैं और ब्राह्मणों को खिलाते हैं। हरियाली अमावस्या सुख , शांति और समृद्धि का प्रतीक है।
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