Publish Date: 21 Jul, 2025
Author: Anjum Qureshi
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Hariyali Amavasya 2025 Date: सावन में आने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है। यह अमावस्या बहुत खास होती है। इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है। सावन में बारिश के कारण प्रकृति बहुत सुंदर दिखाई देती है। चारों और हरियाली होती है। इसी कारण इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है। इस दिन पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया जाता है। इससे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद बना रहता है। इस दिन स्नान-दान करना बेहद शुभ माना जाता है। पूजा करने और जरूरतमंदों को दान देने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। सावन की अमावस्या इसलिए भी खास मानी जाती है क्योंकि सावन का महीना महादेव की पूजा हे लिए उत्तम माना जाता है। आइए जानते हैं तिथि, शुभ मुहूर्त और शुभ योग।
हरियाली अमावस्या तिथि
- सावन की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है।
- अमावस्या तिथि की शुरुआत- 23 जुलाई बुधवार रात 02 बजकर 29 मिनट से होगी।
- अमावस्या तिथि का समापन- 24 जुलाई गुरुवार रात 12 बजकर 40 मिनट पर होगा।
- हरियाली अमावस्या 24 जुलाई को मनाई जाएगी।
हरियाली अमावस्या का शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 15 मिनट से 04 बजकर 57 मिनट तक।
- अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 55 मिनट तक।
- अमृत काल- दोपहर 02 बजकर 26 मिनट से 03 बजकर 58 मिनट तक।
- सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन रहेगा।
शुभ योग
गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग का शुभ संयोग- शाम 04 बजकर 43 मिनट पर बनेगा।
हरियाली अमावस्या का महत्व
श्रावण मास की अमावस्या को बहुत खास माना जाता है। क्योंकि सावन माह भगवान शिव को समर्पित होता है। इस पूरे महिने भगवान शिव की पूजा की जाती है। भगवान शिव को यह माह बहुत प्रिय है। हरियाली अमावस्या क दिन स्नान-दान का भी बहुत महत्व होता है। इस दिन व्रत रखा जाता है और पूर्वजों को तर्पण किया जाता है। इस दिन तुलसी और पीपल के पेड़ की भी पूजा की जाती है।
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।