Hariyali Teej 2022: हरियाली तीज का व्रत रखने से लंबी होती है पति की उम्र, जानें- तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Publish Date: 29 Jul, 2022
Jagran Tv Hariyali Teej 2022: हरियाली तीज का व्रत रखने से लंबी होती है पति की उम्र, जानें- तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Hariyali Teej 2022 Date & Shubh Muhurat: देशभर में बड़ी धूमधाम और भक्ति भाव से सावन का महीना मनाया जा रहा है। वहीं, रविवार (31 जुलाई) को देशभर में हरियाली तीज (Hariyali Teej) का त्योहार मनाया जायेगा। 

पति की लंबी उम्र के लिए करती है व्रत 

यह त्योहार हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सभी सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इसके साथ ही ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन पूजा और व्रत करने से सुखद वैवाहिक जीवन और संतान का भी आशीर्वाद भी मिलता है। इसके अलावा कई जगह इस व्रत को कुंवारी लड़कियां भी रखती है। मान्यता है कि जो भी लड़की इस व्रत को रखती है, उसे महादेव जैसा वर जीवनसाथी के रूप में मिलता है। 

हाथों में रचाती है मेहंदी

इस दिन भारत के विभिन्न हिस्सों में सुहागन महिलाएं तीज के इस पावन त्योहार पर भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं। हिंदू धर्म में हरियाली तीज का बहुत महत्व है। इस त्योहार को भारत के उत्तर हिस्सों में बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। जिसमे राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार का नाम प्रमुख रूप से शामिल है। इसके अलावा इस व्रत को करने वाली लड़कियां और औरतें हरे रंग के कपड़े और चूड़ियां पहनती हैं। जिसकी वजह यह है कि हरा रंग सुहाग का प्रतीक या निशानी होती है। इसके साथ ही महिलाएं इस व्रत को रखने वाली महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी भी रचाती हैं। 

हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त (Hariyali Teej Date & Shubh Muhurat)

हिंदू पंचाग के अनुसार, सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 31 जुलाई को प्रातः 3 बजे से प्रारंभ हो रही है। जो 1 अगस्त की सुबह 4.20 मिनट पर होगी। इसलिए हरियाली तीज का व्रत महिलाओं को 31 जुलाई को रखना चाहिए।

हरियाली तीज पूजा विधि (Hariyali Teej Puja Vidhi)

वहीं, इस दिन जो भी महिला व्रत रखती है। उन्हें कई नियमों का पालन करते हुए पूजा विधि करनी होती है। 

  • इस दिन प्रातः सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करना चाहिए।  

  • स्नान के बाद महिलाओं को हरे रंग के वस्त्रों को धारण करना चाहिए। 

  • घर की साफ सफाई कर मंडप को तोरण से सजाएं। 

  • मंदिर के सामने चौकी पर मिट्टी में गंगा जल मिलाकर शिवलिंग रखें। 

  • भगवान शिव, भगवान गणेश और माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं। 

  • इसके बाद भगवान शंकर और गौरी माता का ध्यान करते हुए मां को श्रृंगार के सामान जैसे चूड़ी, बिंदी, मेहंदी, सिंदूर चढ़ाएं। इसके साथ ही शिव जी को भांग, धतूरा, अक्षत, बेलपत्र, धूप, वस्त्र आदि चढ़ाएं। 

  • भगवान शिव और माता पार्वती का भजन करें।

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