Hariyali Teej 2025: पहली बार रख रहीं है हरियाली तीज व्रत, तो जान लें पूजा विधि और नियम

Publish Date: 24 Jul, 2025
Pinterest Hariyali Teej 2025: पहली बार रख रहीं है हरियाली तीज व्रत, तो जान लें पूजा विधि और नियम
Hariyali Teej 2025: हरियाली तीज सुहागिन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। मान्यता है कि व्रत रखने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है, जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है। इस साल हरियाली तीज का व्रत 27 जुलाई रविवार को रखा जाएगा। यदि आप पहली बार हरियाली तीज का व्रत रखने जा रही हैं तो कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। इस व्रत को रखकर विधिवत पूजा करनी चाहिए। आइए जानते हैं व्रत की विधि और नियम।

हरियाली तीज नियम

  • हरियाली तीज का व्रत महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है। 
  • इस व्रत के दौरान कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।
  • यह व्रत निर्जला रखा जाता है।
  • हरियाली तीज के व्रत को फलाहार भी रखा जा सकता है। 
  • फलाहार व्रत में फल और दूध का सेवन किया जाता जाता है। 
  • व्रत के दौरान किसी के झगड़ा या घर में कलेश करने से बचें। 
  • अपशब्दों का प्रयोग न करें और वाद-विवाद से बचें। 
  • अनुशासन का पालन करें। 
  • इस व्रत में श्रृंगार का बहुत महत्व होता है। 
  • महिलाओं को हरे रंग की चूड़ियां, बिंदी, साड़ी पहननी चाहिए।
  • इस दिन हरा रंग बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
  • इस दिन पूरे विधि-विधान से महादेव और मां पार्वती की पूजा करें। 
  • अधिक सोने से बचें।

हरियाली तीज की पूजा विधि

  • हरियाली तीज के दिन सुबह जल्दी उठें। 
  • स्नान करके हरे रंग वस्त्र धारण करें। 
  • मंदिर की अच्छी तरह से साफ-सफाई करें। 
  • गंगाजल छिड़काव करें। 
  • मंदिर में घी का दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लें।
  • सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करें। 
  • इस दिन हरे रंग का विशेष महत्व होता है। 
  • इसलिए महिलाएं हरे रंग की साड़ी चूड़ियां आदि पहनें।
  • माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें।
  • मिट्टी या बालू से बनी शिव-पार्वती की प्रतिमा चौकी पर स्थापित करें। 
  • गंगाजल और पंचामृत से शिवजी का अभिषेक करें।
  • माता पार्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
  • इसके बाद बेलपत्र, धतूरा, सुपारी, अक्षत, फल, फूल, चंदन और नैवेद्य अर्पित करें। 
  • हरियाली तीज की व्रत कथा पढ़ें या सुनें। 
  • अंत में शिव-पार्वती की आरती करें।

डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Related Videos

यह भी पढ़ें

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.Accept