Publish Date: 11 Jul, 2025
Author: Anjum Qureshi
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Sawan 2025 : सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस महीने भगवान की पूजा होती है। यह महीना भगवान शिव को प्रिय है। इसी महीने कांवड़ यात्रा का भी आरंभ होता है। इस साल सावन की शुरुआत 11 जुलाई 2025 से होगी वहीं इसका समापन 09 अगस्त 2025 को होगा। सावन में शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन और पूजन का महत्व और भी बढ़ जाता है। आइए जानते हैं 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन का महत्व।
12 ज्योतिर्लिंग
भारत में विभिन्न स्थानों पर ज्योतिर्लिंग स्थित हैं। यह शिव के सबसे पवित्र और शक्तिशाली रूप में माना जाता है और भगवान शिव के अनंत और तेजस्वी स्वरूप का प्रतीक होता है। इन ज्योतिर्लिंग के बहुत महत्व होता है। सावन के महीने में शिव के इन ज्योतिर्लिंगों की पूजा से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। यह माना जाता है कि इन 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन या पूजन करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान शिव का आशीर्वाद बना रहता है।
सोमनाथ (गुजरात)
मल्लिकार्जुन (आंध्र प्रदेश)
महाकालेश्वर (मध्य प्रदेश)
ओंकारेश्वर (मध्य प्रदेश)
केदारनाथ (उत्तराखंड)
भीमाशंकर (महाराष्ट्र)
काशी विश्वनाथ (उत्तर प्रदेश)
त्र्यंबकेश्वर (महाराष्ट्र)
वैद्यनाथ (झारखंड)
नागेश्वर (गुजरात)
रामेश्वरम (तमिलनाडु)
घृष्णेश्वर (महाराष्ट्र)
12 ज्योतिर्लिंग की पूजा का महत्व
12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा करना आत्मा की शुद्धि और परम कल्याण का माध्यम बनता है। यह भक्ति, श्रद्धा और शिव से जुड़ने मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है। ज्योतिर्लिंग के दर्शन से आत्मविश्वास बढ़तर है और आस्था मजबूत होती है। वहीं इसकी पूजा से जीवन में सकारात्मकता आती है और ऊर्जा का संचार होता है। परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। सावन में ज्योतिर्लिंग के दर्शन से भोलेनाथ का अशीर्वाद बना रहता है।
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।