Publish Date: 17 Jul, 2025
Author: Anjum Qureshi
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International Justice Day 2025 : हर साल 17 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस मनाया जाता है। इस दिन के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय न्याय के महत्व को बढ़ावा देना और पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा करना है साथ ही गंभीर अंतरराष्ट्रीय अपराधों जैसे नरसंहार, युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध और आक्रामकता की सुनवाई करनी है और दोषियों को सजा देकर पीड़ितों को न्याय दिलाना है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को समझाना है कि न्याय सबके लिए बराबर है और कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है। वहीं इस दिन का उद्देश्य हर हाल में पीड़ितों को न्याय दिलाना है। आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास, थीम, उद्देश्य और महत्व।
अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस इतिहास
17 जुलाई 1998 को रोम (इटली) में एक ऐतिहासिक सम्मेलन के दौरान ‘रोम संविधि’ को अपनाया गया। जिसे जो इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) की स्थापना के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज माना गया है। इसी संविधि के तहत अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की स्थापना का विचार आया। इसके बाद साल 2002 में इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने अपना विधिवत कार्य शुरू किया। वर्ष 2010 में युगांडा की राजधानी कंपाला में एक सम्मेलन आयोजित हुआ जिसमें 17 जुलाई को विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस मनाया गया।
अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस का महत्व
अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस न्यायपूर्ण, शांतिपूर्ण और सुरक्षित विश्व के निर्माण की प्रेरणा देता है। यह विश्व में शांति बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। दुनियाभर देशों की सरकारें अंतरराष्ट्रीय न्याय के लिए प्रतिबद्ध हैं। पीड़ित को न्याय दिलाना सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का पहला कदम होना चाहिए। वहीं यह भी सुनिश्चत करना चाहिए कि न्याय सभी के लिए एक है।
अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस का उद्देश्य
अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस का उद्देश्य है कि युद्ध पीड़ितों, विस्थापितों और अत्याचार सहने वालों को न्याय दिलाना और उन पर अत्याचार करने वालों को उचित दंड देना। इस दिन का उद्देश्य है मानवाधिकारों की रक्षा और दुनिया में शांति स्थापित करना। अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस दोषियों की जवाबदेही तय करे और विश्व में समनता और स्थिरता कायम करे। इस दिन के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय अपराधों के विरुद्ध वैश्विक स्तर पर न्याय सुनिश्चित करना किया जा सकता है।
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।