अपनी बेटियों का सम्मान करिए। वे सम्माननीय हैं।
हम अपने भविष्य को आज ही बनाएं, और अपने सपनों को कल की हकीकत बनाएं।
जब कोई आपकी कलम छीन लेता है, तब आपको एहसास होता है कि शिक्षा कितनी जरूरी है।
जब पूरी दुनिया चुप हो, तब एक आवाज भी ताकतवर बन जाती है।
मेरा मानना है कि बंदूक में कोई शक्ति नहीं है।
एक बच्चा, एक शिक्षक, एक किताब, एक कलम... दुनिया बदल सकते हैं।
किसी और का इंतज़ार क्यों करूं? क्यों न मैं एक कदम उठाऊं और आगे बढ़ जाऊं।
मैं अपनी आवाज इसलिए नहीं उठाती कि मैं चिल्ला सकूं, बल्कि इसलिए ताकि जिन्हें कोई नहीं सुनता उन्हें सुना जा सके।
मैं यह नहीं चाहती कि मुझे उस लड़की के रूप में याद किया जाए जिसे गोली मारी गई थी, मैं वह लड़की बनना चाहती हूं जिसने खड़े होकर आवाज उठाई।
अगर एक आदमी सब कुछ तबाह कर सकता है, तो एक लड़की उसे क्यों नहीं बदल सकती?
मैं अपनी कहानी इसलिए नहीं सुनाती कि यह अनोखी है, बल्कि इसलिए कि यह अनोखी नहीं है। यह कई लड़कियों की कहानी है।
मैं शांति में यकीन करती हूँ। मैं दया में यकीन करती हूँ।
चलिए अब अपना भविष्य बनाएं, चलिए अपने सपनो को कल की हक़ीकत बनाएं।
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