Publish Date: 08 Mar, 2025
Author: Anjum Qureshi
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International Women's Day 2025: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का मुख्य उद्देश्य में महिलाओं के अधिकारों, समानता, सशक्तिकरण और अवसरों की समानता के लिए मनाया जाता है। यह हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन के माध्यम से महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना है। महिला स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देना पूरे समाज की जिम्मेदारी है। स्वस्थ और सुरक्षित महिला ही समाज और परिवार के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है। महिलाएं न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इसके लिए हमें महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिए। इस महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति उन्हें जागरूक करना चाहिए। ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर, स्वस्थ और सुरक्षित जीवन जी सकें। आइए जानते हैं महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा का महत्व।
महिला स्वास्थ्य का महत्व
महिलाएं समाज में अपना महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। स्वस्थ महिला ही एक सशक्त समाज की नींव रख सकती है। महिलाओं का न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहना चाहिए। क्योंकि वह किसी भी देश का अभिन्न अंग होती हैं। महिलाएं अक्सर अपने परिवार और काम के बीच सामंजस्य बैठाने में अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देती हैं। लेकिन महिलाओं को अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की बहुत जरूरत है। महिलाओं को नियमित स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए। जिससे वह आने वाली छोटी-मोटी बीमारियों से निजात पा सकें। आजकल महिलाओं में स्तन और सर्वाइकल कैंसर, हृदय रोग और थायराइड जैसी बीमारियां आम हो गई हैं। नियमित हेल्थ चेकअप करा कर वह इन समस्याओं की पहचान कर इन्हें खत्म कर सकती हैं। महिलाओं को संतुलित आहार और पोषण लेना चाहिए। कैल्शियम और विटामिन से भरपूर संतुलित आहार लेने से ऊर्जा बनी रहती है और स्वस्थ रहता है। मानसिक स्वास्थ्य भी महिलाओं के लिए बेहद जरुरी है। चिंता और डिप्रेशन जैसी समस्याएं महिलाओं में आम है इससे दूर होने के लिए आप योग और मेडिटेशन करें। आप काउंसलिंग भी ले सकती है। इसके अलावा आप अपने आस-पास के लोगों से बात भी कर सकती हैं।
महिला सुरक्षा का महत्व
महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ी सामाजिक चिंता है। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना समाज की जिम्मेदारी है। घर, कार्यस्थल और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा समाज की नैतिक कार्य है। इसके लिए महिलाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण देना चाहिए। इसके साथ ही महिलाओं को कानूनी अधिकारों की समझ होनी चाहिए। इससे घरेलू हिंसा अधिनियम, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न कानून, और समान वेतन के अधिकार के बारे में जागरूता मिलेगी। कंपनियों और संगठनों को महिलाओं के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक कार्यस्थल देना चाहिए। जिसमें महिलाएं सुरक्षित और सम्मानित महसूस कर सकें।