Publish Date: 04 Aug, 2025
Author: Anjum Qureshi
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Mangala Gauri Vrat 2025: सावन महीने का बहुत ही महत्व है। इस महीने कई बड़े व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। यह भगवान शिव का भी प्रिय महीना है। इस माह में पड़ने वाले सोमवार और मंगलवार का का भी बहुत महत्व होता है। सावन माह के सोमवार भगवान शिव को समर्पित होते हैं तो वहीं इस माह के मंगलवार माता गौरी को समर्पित होते हैं। सावन के मंगलवार को माता पार्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है साथ ही इस दिन व्रत भी रखा जाता है। सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और वैवाहिक जीवन की सुख शांति के लिए यह व्रत रखती हैं। आइए जानते हैं कब रखा जाएगा सावन माह का आखिरी मंगलगौरी व्रत? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और।
मंगला गौरी व्रत की तिथि
- सावन मास की शुरुआत 11 जुलाई से हुई है।
- सावन मास का समापन 5 अगस्त को होगा।
- सावन मास के मंगलवार का बहुत महत्व होता है।
- सावन मास का आखिरी मंगलवार 5 अगस्त को है।
- 5 अगस्त को आखिरी मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा।
मंगला गौरी व्रत का शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 20 मिनट से सुबह 05 बजकर 02 मिनट तक।
- अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 54 मिनट पर।
- विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से 03 बजकर 35 मिनट तक।
मंगला गौरी व्रत की पूजन विधि
- मंगलवार के दिन सुबह जल्दी उठें।
- स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद मंदिर की अच्छी तरह साफ-सफाई करें।
- गंगाज का छिड़काव करें।
- अब पूजा आरंभ करें।
- इस दिन माता पार्वती की पूजा की जाती है।
- माता पार्वती के साथ भगवान शिव और गणेश जी की पूजा करें।
- एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माता पार्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- गंगाजल, दूध, दही और शहद के मिश्रण से स्नान कराएं।
- इसके बाद वस्त्र और सोलह श्रृंगार की वस्तुएं मां को अर्पित करें।
- घी का दीपक और धूपबत्ती अर्पित करें।
- खीर, फल और मिठाई का भोग लगाएं।
- भगवान शिव को बेलपत्र और पीला चंदन अर्पित करें।
- अंत में माता पार्वती, गणेश जी और भगवान शिव की आरती करें।
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।