Publish Date: 08 Dec, 2024
Author: Anjum Qureshi
Margashirsha Purnima 2024 Date: पूर्णिमा तिथि का बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि इस साल का अंतिम पूर्णिमा है। इस तिथि के दिन चंद्रमां अर्घ दिया जाता है और पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूरे पूजा की जाती है। इस दिन शिवलिंग पर अभिषेक करना अच्छा माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती हैपूर्णिमा की तिथि सबसे उत्तम मानी जाती है और इस दि को किसी भी नए कार्य का शुभारंभ किया जा सकता है। आइए जानते हैं इस दिन की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।
पूर्णिमा तिथि की शुरुआत और शुभ मुहूर्त
- पूर्णिमा तिथि की शुरुआत- 14 दिसंबर शाम 05 बजकर 13 मिनट से।
- पूर्णिमा तिथि का समापन- 15 दिसंबर दोपहर 02 बजकर 35 मिनट से।
- पूर्णिमा का व्रत 15 दिसंबर 2024 को रखा जाएगा।
- चंद्रोदय का समय- 15 दिसंबर शाम 5 बजकर 14 मिनट पर होगा।
- पूर्णिमा के दिन बेहद शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है
- पूर्णिमा के दिन मृगसिरा नक्षत्र के साथ त्रिपुर सुंदरी जयंती भी है।
- इस दिन शुक्ल योग का भी निर्माण हो रहा है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठें।
- स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है।
- यदि नदी में स्नान करना संभव न हो तो नहाने के पानी में गंगा जल डाल दें।
- घर और मंदिर की अच्छी तरह साफ-सफाई करें।
- इसके बाद मंदिर में दीया जलाएं।
- व्रत का संकल्प लें।
- मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करें।
- इसके बाद भोग लगाएं।
- अंत में आरती करें।
- शाम के समय चंद्रमा की पूजा करें।
- ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः’ मंत्र का जाप करें।
- चंद्रमा को अर्घ्य दें।
- इस दिन दान-पुण्य करना बेहद शुभ माना जाता है।
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट की मदद से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।