Publish Date: 15 Jun, 2025
Author: Anjum Qureshi
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Mithun Sankranti 2025: संक्रांति के दौरान सूर्य देव एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। इसे सूर्य का राशि परिवर्तन भी कहा जाता है। इस दिन विधि पूर्वक सूर्य देव की पूजा की जाती है। मान्यता है कि सूर्य देव की आराधना से पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में आ रही मुश्किलों का नाश होता है। बीमारियां दूर होती है और आयु में वृद्धि होती है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है। संक्रांति के दिन दान का भी बहुत महत्व होता है। इस दिन सिलबट्टे की भी पूजा का विधान है। आइए जानते हैं मिथुन संक्रांति तिथि, स्नान का शुभ मुहूर्त, पूण्य काल का समय।
मिथुन संक्रांति तिथि
- सूर्य देव 15 जून दिन रविवार को सुबह 6 बजकर 53 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करेंगे।
- 15 जून 2025 मिथुन संक्रांति मनाई जाएगी।
- सूर्य देव इस दिन मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे।
- मिथुन बुध की राशि है।
- बुध को बुद्धि, वाणी, करियर, व्यापार का कारक कहा जाता है।
मिथुन संक्रांति पुण्य और महापुण्य काल
- मिथुन संक्रांति के दिन 15 जून 2025 को मनाई जाएगी।
- पुण्यकाल - 15 जून सुबह 6 बजकर 53 मिनट से दोपहर 2 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगा।
- महापुण्य काल - सुबह 6 बजकर 53 मिनट से सुबह 9 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।
- इस समय स्नान-दान करना बेहद शुभ माना जाता है।
- इन दोनों कालों में पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
मिथुन संक्रांति के शुभ मुहूर्त
- अभिजीत सुबह - सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।
- अमृत काल - दोपहर 02 बजकर 19 मिनट से दोपहर 03 बजकर 58 मिनट तक रहेगा।
शुभ योग
- इंद्र योग - दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर इंद्र योग बनेगा।
- शिव वास योग - दोपहर 3 बजकर 51 मिनट तक महादेव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इसे शिव वास योग कहते हैं।
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।