Nag Panchami 2025 Date : कब है नाग पंचमी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Publish Date: 14 Jul, 2025
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Nag Panchami 2025 Date : सावन के महीने में कई बड़े त्योहार आते हैं। इनमें से एक नाग पंचमी है। नाग पंचमी हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है वहीं कुछ स्थानों में नाग पंचमी सावन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन महादेव और माता पार्वती के साथ नाग देवता की भी पूजा की जाती है। नाग देवता को भगवान का गण भी माना जाता है। इसलिए पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्त को आशीर्वाद प्राप्त होता है। नाग पंचमी के दिन सांप, उनकी मूर्तियों या प्रतिमाओं को पूजा की जाती है। नाग देवता 8 रुपों की पूजा करना करना शुभ माना जाता है। जिनमें  अनंत, वासुकी, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख शामिल हैं। पूजा के साथ नाग देवता के मंत्रों का उच्चारण भी किया जाता है। ऐसा करने से कुंडली में बनने वाले अशुभ कालसर्प दोष या फिर राहु-केतु से संबंधित परेशानियों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं नाग पंचमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

नाग पंचमी की तिथि

  • सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी मनाई जाती है।
  • पंचमी तिथि की शुरुआत- 28 जुलाई रात 11 बजकर 24 मिनट से पर होगी।
  • पंचमी तिथि का समापन- 29 तारीख रात 12 बजकर 47 मिनट पर होगा। 
  • नाग पंचमी 29 तारीख को मनाई जाएगी।

नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त

  • नाग पंचमी का पर्व 29 जुलाई 2025 को मंगलवार के दिन मनाया जाएगा।
  • नाग पंचमी के पूजन का शुभ मुहूर्त- सुबह 5 बजकर 41 मिनट से सुबह 8 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।
  • चौघड़िया का शुभ मुहूर्त- सुबह 10 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। 
  • दोपहर के पूजन का शुभ मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 27 मिनट से 2 बजकर 09 मिनट तक रहेगा। 
  • पूजन का अगला शुभ मुहूर्त- दोपहर 3 बजकर 51 मिनट से शाम 5 बजकर 32 मिनट तक रहेगा।

नाग पंचमी की पूजा विधि

  • नाग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठें। 
  • सबसे पहले स्नान करें। 
  • इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • इसके बाद पास के शिव मंदिर में जाकर पूजा करें।
  • इसके बार अपने रसोई घर और मंदिर में नाग देवता की तस्वीर लगाएं।
  • नाग देवता की पूजा करें। 
  • धूप और दीप जलाएं। 
  • इसके बाद नैवेद्य अर्पित करें। 
  • नाग पंचमी कथा का पाठ करें। 
  • अंत में आरती करें। 
  • इस दिन सेवई और चावल बनाए जाते हैं।

डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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