Narak Chaturdashi 2021:
आज पूरे देश में नरक चतुर्दशी यानी की छोटी दिवाली मनाई जा रही है। इस दिन यम का दीपक जलाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह दिपक जलाने से अकाल मृत्यु का डर खत्म हो जाता है। ज्योतिषाचार्यों के हिसाब से विधि विधान से पूजा-अर्चना के कुछ तरीके बताए हैं। यदि इस दिन यम का दीपक जलाया जाए तो दरिद्रता दूर हो जाती है। ऐसी मान्यता है कि हरि की पौड़ी घाट पर जो भी यम का दीपक जलाता है उसपर महालक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है।
अमृत काल समय- 01:55 से 03:22 तक.
ब्रह्म मुहूर्त का समय- 05:02 से 05:50 तक.
विजय मुहूर्त का समय - दोपहर 01:33 से 02:17 तक.
गोधूलि मुहूर्त का समय- शाम 05:05 से 05:29 तक.
सायाह्न संध्या मुहूर्त का समय- शाम 05:16 से 06:33 तक.
निशिता मुहूर्त का समय- रात्रि 11:16 से 12:07 तक.
हिंदू , इस दिन को भगवान कृष्ण की पत्नी के रूप में मनाया जाता है - सत्यभामा ने राक्षस राजा नरकासुर का सिर काट दिया था। नरक चतुर्दशी का त्यौहार महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में लोकप्रिय है और इस दिन लोग सूर्योदय से पहले स्नान करते हैं और बुराई पर अच्छाई की जीत को चिह्नित करते हैं।
यमाय धर्मराजाय मृत्यवे चांतकाय च, वैवस्वताय कालाय सर्वभूतक्षयाय च।
औदुम्बराय दध्नाय नीलाय परमेष्ठिने, व्रकोदराय चित्राय चित्रगुप्ताय वै नम:।।
नरक चतुर्दशी के मुख्य पहलुओं में से एक में दीप दान और मृत्यु के देवता यमराज की पूजा करना शामिल होता है। दक्षिण दिशा की ओर चेहरा करके खड़े हो जाएं, पानी में कुछ काले तिल डालकर भगवान यमराज को अर्पित करें।
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