National Daughters Day 2024: क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय बेटी दिवस, जानें इतिहास, थीम और महत्व

Publish Date: 22 Sep, 2024
Pinterest National Daughters Day 2024: क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय बेटी दिवस, जानें इतिहास, थीम और महत्व

National Daughters' Day 2024: राष्ट्रीय बेटी दिवस हर साल सितंबर के चौथे रविवार को मनाया जाता है। इस साल यह दिवस 22 सितंबर यानी आज मनाया जा रहा है। इसका दिन का उद्देश्य समाज में बेटियों के महत्व को समझाना है।  साथ ही  बेटियों के अधिकारों की सुरक्षा करना और उनकी उपलब्धियों को सम्मानित करना है। आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास, थीम और महत्व। 

राष्ट्रीय बेटी दिवस का इतिहास

राष्ट्रीय बेटी दिवस भारत में पहली बार 2007 में मनाया गया था और तब से हर साल माता-पिता को अपनी बेटियों पर ज़्यादा ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। भारत में इस दिन को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य मकसद बेटियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें समाज में समान अधिकार दिलाने की दिशा में काम करना है। भारतीय समाज में बेटियों को लंबे समय तक कई सामाजिक और सांस्कृतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जैसे लैंगिक असमानता, शिक्षा का अभाव और बाल विवाह जैसी प्रथाएँ उन पर थोपी गयीं। राष्ट्रीय बेटी दिवस का उद्देश्य इन सभी रूढ़ियों को तोड़कर बेटियों को सही सम्मान और अधिकार प्रदान करना है।

राष्ट्रीय बेटी दिवस का महत्व

राष्ट्रीय बेटी दिवस मनाने का उद्देश्य बेटियों को समान अधिकार और अवसर देने की दिशा में महत्पूर्ण कदम उठाना है। साथ ही इस दिन का उद्देश्य समाज में महिलाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है। यह दिन बेटियों को आत्मनिर्भर, शिक्षित और सशक्त बनाने पर जोर देता है। शिक्षा, स्वास्थ्य और करियर में बेटियों को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। भारत में इस दिन का विशेष महत्व है, क्योंकि सरकार ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और लाडली जैसी योजनाओं के माध्यम से बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा को बढ़ावा दिया है। बेटी दिवस पर माता-पिता अपनी बेटियों को विशेष महसूस कराते हैं और उन्हें तोहफे देते हैं साथ ही उनके प्रति अपने प्रेम और गर्व को व्यक्त करते हैं। बेटी दिवस समाज में लैंगिक असमानता के प्रति जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इससे बेटियों के प्रति समाज में सम्मान और सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। इस दिन के माध्यम से बेटियों के प्रति समाज में व्याप्त रूढ़ियों को समाप्त करना और उन्हें बराबरी का दर्जा और सम्मान दिलाना है।

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