Nirjala Ekadashi 2025: ऐसे करें निर्जला एकादशी की पूजा, जानें पूजा विधि, मंत्र, आरती और दान

Publish Date: 30 May, 2025
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Nirjala Ekadashi 2025: ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस साल यह व्रत शुक्रवार 6 जून को रखा जाएगा। यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। इसलिए इस दिन पूरे विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण की पूजा की जाती है। यह एकादशी ने सभी एकादशी में सबसे कठिन मानी जाती है। इसलिए इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद बना रहता है। आइए जानते हैं पूजा विधि, मंत्र, आरती और दान

निर्जला एकादशी पूजा विधि

  • दशमी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठें।
  • स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। 
  • नहाने के पानी में गंगाजल मिला लें।
  • इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है। 
  • सबसे पहले सूर्य देव को जल अर्पित करें। 
  • घर और मंदिर की अच्छी तरह से साफ-सफाई करें। 
  • इसके बाद लक्ष्मी नारायण की विधि-विधान से पूजा करें।
  • एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।
  • लक्ष्मी नारायण को फूल, धूप, दीप और चंदन अर्पित करें।
  • इसके बाद फल, नारियल, मिठाई और तुलसी का भोग लगाएं। 
  • पूजा के समय विष्णु चालीसा, स्त्रोत, स्तुति का पाठ, विष्णु मंत्र का जप करें। 
  • अंत में लक्ष्मी नारायण जी की आरती करें। 
  • इस दिन दान करना बहुत शुभ माना जाता है।

निर्जला एकादशी मंत्र

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं,
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् ।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्,
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥

कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती ।
करमूले तु गोविंदः प्रभाते करदर्शनम् ॥
 
ॐ केशवाय नम:
 
ॐ नाराणाय नम:
 
ॐ माधवाय नम:
 
ॐ हृषीकेशाय नम:

भगवान विष्णु की आरती

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥
ॐ जय जगदीश हरे...
जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का।
स्वामी दुःख विनसे मन का।
सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥
ॐ जय जगदीश हरे...
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी।
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥
ॐ जय जगदीश हरे...
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।
स्वामी तुम अन्तर्यामी।
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ॐ जय जगदीश हरे...
तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता।
स्वामी तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥
ॐ जय जगदीश हरे...
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
स्वामी सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति॥
ॐ जय जगदीश हरे...
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
स्वामी तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥
ॐ जय जगदीश हरे...
विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
स्वामी पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, सन्तन की सेवा॥
ॐ जय जगदीश हरे...
श्री जगदीश जी की आरती, जो कोई नर गावे।
स्वामी जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥
ॐ जय जगदीश हरे…

निर्जला एकादशी पर दान

निर्जला एकादशी पर दान करना बेहद शुभ होता है। इस दिन दान करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन अन्न और जल का दान करना चाहिए। साथ ही साधक मिट्टी के कलश, फल, कपड़े (वस्त्र), छाता, जूते और चप्पल दान कर सकते हैं।
 
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।
 

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