Origin of COVID-19: कोरोना वायरस आखिर आया कहां से है। ये सवाल सबके मन में है, सब यही जानना चाहते हैं। इसके लिए कई देशों में रिसर्च भी चल रही है। बता दें कि देश में अब तक कोरोना संक्रमितों कि संख्या 70 हज़ार के पार जा चुकी है। दरअसल, सार्स-सीओवी-2 को लेकर किए गए एक नए अध्ययन में पता चला है कि जिस वायरस के कारण कोविड-19 सामने आया है, वह चमगादड़ और पैंगोलिन में कोरोना वायरस के पुनर्संयोजन से उत्पन्न हुआ है। अभी तक के सारे क्लूज दो जानवरों- पैंगोलिन और चमगादड़ पर जाकर खत्म हो रहे हैं। चमगादड़ से निकले कोरोना के मूल वायरस ने कुछ ताकत पैंगोलिन से ली और फिर एक नए रूप में विकसित होकर इंसानों में Sars-CoV-2 वायरस बनकर फैल गया। साउथ चाइना एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ वेटरनरी मेडिसिन के शोधकर्ताओं के रिसर्च पेपर में पहली बार अपने दावे के पक्ष में ठोस सबूत दिए हैं। उन्हें पैंगोलिन में जो कोरावायरस ( पैंगोलिन-CoV) मिला है उसका अमीनो एसिड इंसानों में फैले वायरस के जेनेटिक मटेरियल यानी आरएनए से 100%, 98.6%, 97.8% और 90.7% समान है। वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि पैंगोलिन-CoV की संरचना इंसान में फैले नए SARS-CoV-2 और चमगादड़ के Sars-CoV RaTG13 नाम के वायरस के समान है। बता दें कि पैंगोलिन दुनिया में सबसे ज्यादा तस्करी होने वाला जानवर है। हर देश की तस्करों की ये पहली पसंद है ऐसे में अगर इसकी तस्करी और व्यापार नहीं रुकता है तो भविष्य में भी कोरोनावायरस पूरी दुनिया में फैलता रहेगा। इसी वजह से इस रिसर्च पेपर में दुनियाभर की सरकारों से कहा गया है कि उन्हें पैंगोलिन पर एक व्यस्थित ढंग से लम्बे समय तक निगरानी रखकर इस जानवर के अवैध शिकार, तस्करी और व्यापार पर सख्त प्रतिबंध लगा देने चाहिए। इसके मांस को खाने पर तो पूर्ण प्रतिबंध लगा देने की सिफारिश की गई है। बता दें कि अभी तक कोरोना वायरस का वैक्सीन नहीं मिल पाया है। सभी वैज्ञानिक इसकी खोज में लगे हैं।