Publish Date: 11 Jul, 2025
Author: Anjum Qureshi
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Sawan 2025: श्रावण मास हिन्दू पंचांग का पांचवां महीना होता है और यह महीना भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है। इस महीने के भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है साथ ही पवित्र कांवड़ यात्रा भी इसी महीने आरंभ होती है। इस महीने के सोमवार भी बेहद खास होते हैं। यह सोमवार भोलेनाथ के भक्तों के लिए खास होते है। मान्यता है कि जो भी भक्त इस महीने सच्चे मन से भगवान की भक्ति में लीन होगा इसे सभी इच्छाएं पूर्ण होगी। शिव-पार्वती का आशीर्वाद उस पर बना रहेगा। आइए जानते हैं कि भगवान शिव को सावन का महीना आखिर क्यों इतना प्रिय है।
समुद्र मंथन
सावन माह में समुद्र मंथन हुआ था। जिसमें भगवान शिव ने हलाहल विष का पान किया था और संसार की रक्षा की थी। इससे भोलेनाथ के शरीर का ताप बढ़ गया जिसके बाद देवताओं और ऋषियों ने भोलेनाथ पर गंगा जल चढ़ाया। इसके बाद शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, और दूध चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई। इसलिए सावन माह में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस महीने में पवित्र कांवड़ यात्रा का आरंभ होता हैं। जिसमें कांवड़िये गंगाजल लगाकर भगवान शिवलिंग पर अर्पित करते हैं। इन दिनों शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है।
सावन शिव पूजा के है खास
भगवान शिव की पूजा के लिए सावन का महीना खास होता है। क्योंकि यह समय प्राकृतिक रूप से वर्षा ऋतु का होता है। चारों और हरियाली होती है। वातावरण शुद्ध होता है। सावन का महीना ध्यान और अध्यात्म के लिए उपयुक्त माना जाता है। भगवान शिव की पूजा से आत्मिक शुद्धि के साथ मानसिक शांति भी मिलती है। सावन श्रद्धा और भक्ति का महीना होता है। इस माह के सोमवार का भी विशेष महत्व होता है। इस महीने के सोमवार को व्रत रखा जाता है और भगवान की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। कुवांरी कन्याएं भी जीवनसाथी जीवनसाथी पाने के लिए व्रत रखती हैं।
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।