Publish Date: 05 May, 2025
Author: Anjum Qureshi
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Sita Navami 2025: वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी मनाई जाती है। 5 अप्रैल यानी आज सीता नवमी का व्रत रखा जाएगा। मां सीता को सीता नवमी को जानकी जयंती के नाम से भी जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से माता सीता और भगवान राम की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं पूजा विधि, मंत्र और आरती
सीता नवमी पूजा विधि
- सीता नवमी के दिन सुबह जल्दी उठें।
- स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- व्रत का संकल्प लें।
- घर और मंदिर की अच्छी तरह साफ-सफाई करें।
- एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं।
- इसपर पर मां सीता और भगवान राम की प्रतिमा स्थापित करें।
- इसके बाद मां सीता और श्रीराम की पूजा प्रारंभ करें।
- मां को मौली, अक्षत, चंदन, सिंदूर, पुष्प, धूप और दीप अर्पित करें।
- मां सीता और भगवान राम को फल और मिठाई का भोग लगाएं।
- सीता नवमी की व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
- अंत में आरती करें।
मां सीता की आरती
आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ॥
जगत जननी जग की विस्तारिणी,
नित्य सत्य साकेत विहारिणी,
परम दयामयी दिनोधारिणी,
सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥
आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ॥
सती श्रोमणि पति हित कारिणी,
पति सेवा वित्त वन वन चारिणी,
पति हित पति वियोग स्वीकारिणी,
त्याग धर्म मूर्ति धरी की ॥
आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ॥
विमल कीर्ति सब लोकन छाई,
नाम लेत पवन मति आई,
सुमीरात काटत कष्ट दुख दाई,
शरणागत जन भय हरी की ॥
आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ॥
सीता माता के मंत्र
- ॐ सीतायै नमः।।
- ॐ श्री सीतायै नमः।।
- श्री सीता-रामाय नमः।।
- श्री जानकी रामाभ्यां नमः ।।
- ॐ जनकनन्दिन्यै विद्महे रामवल्लभायै धीमहि।
- ॐ जनकजाये विद्महे रामप्रियाय धीमहि तन्नो सीता प्रचोदयात।
- श्रीराम सांनिध्यवशां-ज्जगदानन्ददायिनी । उत्पत्ति स्थिति संहारकारिणीं सर्वदेहिनम् ।।
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।