Publish Date: 04 Aug, 2025
Author: Anjum Qureshi
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Varalakshmi Vrat 2025: वरलक्ष्मी व्रत केवल विवाहित महिलाएं ही करती हैं। महिलाओं के लिए यह व्रत बहुत खास माना जाता है। इस व्रत को करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है। घर के सदस्योें में आपसी प्रेम बढ़ता है। इस दिन दिपावली के दिन की तरह ही पूरे विधि-विधान से देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। यह पर्व दक्षिण भारत के कई राज्यों में मनाया जाता है। जिनमें महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल हैं। संतान प्राप्ति के लिए भी इस व्रत को किया जा सकता है। आइए जानते हैं इस व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
वरलक्ष्मी व्रत की तिथि
- सावन माह की पूर्णिमा से पहले पड़ने वाले शुक्रवार को यह व्रत रखा जाता है।
- श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को वरलक्ष्मी व्रत होगा।
- सावन माह के अंतिम शुक्रवार को यह व्रत रखा जाएगा।
- यह व्रत 8 अगस्त 2025 को रखा जाएगा।
- इस दिन इन्द्र योग और सुकर्मा योग का शुभ संयोग है।
वरलक्ष्मी व्रत का शुभ मुहूर्त
- सिंह लग्न पूजा मुहूर्त (प्रातः)- सुबह 06 बजकर 29 मिनट से सुबह 08 बजकर 46 मिनट तक।
- वृश्चिक लग्न पूजा मुहूर्त (अपराह्न)- दोपहर 01 बजकर 22 मिनट से दोपहर 03 बजकर 41 मिनट तक।
- कुम्भ लग्न पूजा मुहूर्त (संध्या)- दोपहर 07 बजकर 27 मिनट से दोपहर 08 बजकर 54 मिनट तक।
- वृषभ लग्न पूजा मुहूर्त (मध्यरात्रि)- दोपहर 11 बजकर 55 मिनट से 9 अगस्त सुबह 01 बजकर 50 मिनट तक।
वरलक्ष्मी व्रत की पूजा विधि
- वरलक्ष्मी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
- स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
- कलश स्थापित करें।
- लकड़ी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।
- इस पर थोड़ा सा चावल रखकर कलश रखें।
- कलश में जल, सुपारी, हल्दी, एक सिक्का और अक्षत डा दें।
- कलश के ऊपर आम के पत्ते और नारियल रखें।
- कलश के पास मां की प्रतिमा रखें।
- इसके बाद फूल, चावल, कुमकुम, हल्दी आदि अर्पित करें।
- मां को खीर, फल, पायसम, नारियल और मिठाई का भोग लगाएं।
- व्रत रखने वाली महिलाओं को एक-दूसरे को सुहाग की चीज़ें भेंट करनी चाहिए।
- व्रत की कथा सुनें और आरती करें।
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।