Publish Date: 16 Apr, 2025
Author: Anjum Qureshi
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Varuthini Ekadashi 2025 Date: वरूथिनी एकादशी का बहुत महत्व है। यह भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन विधि पूर्वक भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन पूजा और व्रत करने से साधक को जीवन में किसी भी चीज कमी नहीं होती है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। यह व्रत वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस व्रत के दौरान कुछ विशेष नियमों का ध्यान रखा जाता है। आइए जानते हैं इस व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।
वरूथिनी एकादशी की तिथि
वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को वरूथिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है।
एकादशी तिथि की शुरुआत- 23 अप्रैल शाम 04 बजकर 43 मिनट से शुरू होगी
एकादशी तिथि का समापन- 24 अप्रैल दोपहर 02 बजकर 32 मिनट पर होगा।
वरूथिनी एकादशी व्रत 24 अप्रैल को किया जाएगा।
वरूथिनी एकादशी का पारण 25 अप्रैल को किया जाएगा।
पारण समय- सुबह 05 बजकर 46 मिनट से सुबह 08 बजकर 23 मिनट तक।
इस दिन अन्न व धन का दान करना शुभ माना जाता है।
वरूथिनी एकादशी का महत्व
वरूथिनी एकादशी का बहुत महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। व्रत रखने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य की वृद्धि होती है। पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति कराता है। वरूथिनी एकादशी विशेष रूप से महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि यह पारिवारिक सुख और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन दान करने का भी बहुत महत्व होता है। इस दिन पूजा करके व्यक्ति धन-धान्य में वृद्धि प्राप्त करता है। इस दिन व्रत और पूजा से संकटों से मुक्ति और जीवन में शांति होती है। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।