Publish Date: 04 Apr, 2025
Author: Anjum Qureshi
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Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर पूरे देश में विरोध हो रहा है। विपक्षी पार्टियां भी इस विरोध में हिस्सा ले रही हैं लेकिन इतने कड़े विरोध के बाद लोकसभा में यह बिल पास हो गया। इसके बाद राज्यसभा से भी पारित हो गया है। अब राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही यह बिल एक कानून बन जाएगा। आइए जानते हैं क्या है वक्फ संशोधन विधेयक और क्यों हो रहा है इसका विरोध।
क्या है वक्फ, वक्फ बोर्ड और कैसे करता है काम?
वक्फ शब्द का ओरिजिन ‘वकुफा’ से हुआ है। जिसका अर्थ होता है ठहरना, रोकना या प्रतिबंधित करना। वकुफा से बना है वक्फ। वक्फ का अर्थ संरक्षित की गई वो संपत्ति है जिसका जन-कल्याण के लिए उपयोग किया जाता है। वक्फ इस्लामिक कानून के तहत एक ऐसा दान होता है, जिसमें किसी संपत्ति को धार्मिक या सामाजिक कल्याण के लिए स्थायी रूप से समर्पित कर दिया जाता है। इसे प्रबंधित करने के लिए एक ट्रस्टी नियुक्त किया जाता है, जिसे ‘मुतवल्ली’ कहते हैं। वक्फ अपनी संपत्तियों का उपयोग जन कल्याण के कार्यों के लिए करता है। जिसमें मस्जिद, स्कूल, अस्पताल, पुल, कब्रिस्तान और पीने के पानी आदि की सार्वजनिक सुविधाओं दी जाती हैं। भारत में करीब 8.7 लाख वक्फ संपत्तियां हैं। यह बोर्ड देश का तीसरा सबसे बड़ा जमीनी मालिक है जो कि 9.4 लाख एकड़ भूमि है। वक्फ बोर्ड द्वारा ही वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन किया जाता है।
क्या होंगे वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 में नए बदलाव
वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर ‘यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी और डेवलपमेंट’ नाम रखा गया है। केंद्रीय वक्फ़ परिषद में 22 सदस्य होंगे। इनमें 10 सदस्य मुस्लिम समुदाय के होंगे जिनमें महिलाएं भी सदस्य के रुप में शामिल होंगीं। उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के दो पूर्व न्यायाधीश होंगे। एक अधिवक्ता, विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त चार व्यक्ति, भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव और संयुक्त सचिव भी इसका हिस्सा होंगे। सरकार की घोषित को वक्फ संपत्ति को वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा। वक्फ बोर्ड के पास संपत्ति वक्फ की है या नहीं यह तय करने का अधिकार भी नहीं होगा। वक्फ बोर्ड के वित्तीय लेन-देन और कामकाज की निगरानी केंद्र सरकार करेगी। इसके अलावा भी कई ऐसे अधिकार हैं जो वक्फ बोर्ड के पास नहीं होंगे।
क्यों हो रहा है वक्फ (संशोधन) विधेयक का विरोध
भारत में मुसलिम समुदाय लगातार इस वक्फ (संशोधन) बिल का विरोध कर रहा है। मुस्लिम समुदाय ने इसपर कड़ा विरोध जताया है। उनका मनाना है कि इस वक्फ संशोधन की जरुरत क्यों है? वक्फ की प्रॉपर्टी पर सरकार का हस्तक्षेप होना और इस पर कानून बनाना क्यों जरूरी है। इसके विरोध का एक कारण यह भी है कि सरकार तय करेगी कि कौन सी संपत्ति वक्फ की होगी? इसमें बोर्ड हस्क्षेप नहीं करेगा। यह तय करने का अधिकार डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर का होगा। गैर मुस्लिम भी वक्फ बॉर्ड का हिस्सा होंगे इस बात का भी विरोध किया जा रहा है। यहां तक वक्फ ट्रिब्यूनल का सीईओ भी गैर मुस्लिम बन सकता है। पहले यह अधिकार सिर्फ मुस्लिम के पास था। इसके अलावा विवादित जमीनों पर सरकार का कब्जा होगा। हालांकि इन जमीनों पर सर्वे भी किया जाएगा। इस सर्वे का अधिकार राज्य सरकार के पास होगा। मुस्लिम समुदाय का मानना है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक लाकर सरकार वक्फ के अधिकारों और जमीनों का छिनना चाहती है। वहीं इस बिल का विरोध न सिर्फ मुस्लिम समुदाय बल्कि भारत के कई बड़े राजनीतिक दल, राजनेता और अन्य लोग भी कर रहे हैं।
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट व अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।