World Bamboo Day 2023: "विश्व बांस दिवस" हर साल 18 सितंबर को मनाया जाता है, इस दिन का मुख्य उद्देश्य है बांस के महत्व को जागरूक करना और लोगों को इसके उपयोग के बारे में जानकारी देना। बांस एक प्राचीन वनस्पति है, जिसका उपयोग भारत और अन्य देशों में विभिन्न रूपों में किया जाता है।
बांस एक बहुत ही प्राचीन वनस्पति है जो जीवन के विभिन्न पहलुओं में उपयोग की जाती है। यह वनस्पति अपने तेज और सस्ते विकास के लिए प्रसिद्ध है और इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में भोजन, लकड़ी, इंस्ट्रूमेंट्स, निर्माण सामग्री, आदि के लिए किया जाता है। भारतीय वन सर्वेक्षण 2011 के अनुसार बांस की 50 प्रतिशत से अधिक प्रजातियां पूर्वी भारत में पाई जाती है जिनमें मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल और मिजोरम भी शामिल है।
पर्यावरण के लिए सहयोगी: बांस का उपयोग वनस्पति के रूप में न केवल वनस्पति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। बांस अपनी तेज और सस्ती वृद्धि के लिए प्रसिद्ध है, जिससे वनस्पति की अधिकता को नियंत्रित किया जा सकता है।
विनिर्माण उद्योग: बांस की लकड़ी और उसकी अन्य उपयोगिता के कारण, इसका विनिर्माण उद्योग महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग घर की नींव, इंटीरियर डिजाइन, फर्नीचर, और अन्य कई उत्पादों में होता है।
कला और डिजाइन: बांस की मदद से बने आभूषण, वस्त्र और विभिन्न चीज़ें बनाइ जाती हैं, जो सांस्कृतिक और लोक संगीत का हिस्सा बनते हैं।
बांस के फर्नीचर: बांस की लकड़ी से बने फर्नीचर आपके घर के इंटीरियर को सुंदर और स्थायी बना सकते हैं।
बांस के इंस्ट्रूमेंट्स: बांस से बने इंस्ट्रूमेंट्स, जैसे कि बांसुरी, ताल, और ड्रम्स, संगीत में अद्वितीय ध्वनि और ध्वनि का स्रोत प्रदान करते हैं।
बांस की छड़ों से बने घर: कुछ लोग बांस की छड़ों से बने घर बनाते हैं, जो पर्यावरण के लिए अधिक सजीवन और स्वच्छ होते हैं।
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