Publish Date: 20 Apr, 2025
Author: Anjum Qureshi
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World Book and Copyright Day 2025: विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस हर साल 23 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन के माध्यम से किताबों का महत्व और महान लेखकों के बारे में लोगों को बताना है। इस दिन का उद्देश्य पढ़ने के प्रति लोगों में जुनून पैदा करना है। यह दिन लेखकों, प्रकाशकों और पुस्तकालयों के योगदान को समझाना और सम्मान करना है। विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस के माध्यम से कॉपीराइट सुरक्षा के महत्व पर जोर देता है। आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास, थीम और महत्व।
विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस का इतिहास
विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस की शुरुआत 1995 से हुई। इस दिन को यूनेस्को ने पेरिस में आयोजित अपनी सामान्य सभा में 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इस दिन को इसलिए भी चुना गया क्योंकि इस दिन महान लेखक और साहित्यकार जैश विलियम शेक्सपियर, मैनुअल डे सर्वेंट्स की पुण्यतिथि है। वहीं हल्डोर लाक्सनेस, मेजीया वाल्लीजो का जन्म दिवस है।
विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस 2025 की थीम
विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस पर हर साल कोई न कोई थीम निर्धारित होती है। जो उस समय की समस्याओं पर आधारित होती है। इस साल विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस की थीम ‘‘अपने तरीके से पढें’’ है। इस थीम का उद्देश्य बच्चों को अपने तरीके से पढ़ने और पुस्तकों में रुचि पैदा करना है। इससे बच्चों को उनकी दिलचस्पी के अनुसार पढ़ने की स्वतंत्रता को महत्व देती है। विश्व पुस्तक दिवस को मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिनमें पुस्तक प्रदर्शनियाँ, लेखक सम्मेलन और पढ़ने के कार्यक्रम। इस दिन लेखकों को भी सम्मनित किया जाता है।
विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस का महत्व
पुस्तक मनुष्य की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस का महत्व होता है। इस दिन पढ़ने को बढ़ावा देना चाहिए। इसलिए इस दिन लोगों को पढ़ने के महत्व को समझाने और उन्हें पुस्तकों के प्रति आकर्षित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन लेखकों और प्रकाशकों का सम्मानित किया जाता है। यह दिन लेखकों और प्रकाशकों के योगदान का सम्मान करता है। जिन्होंने पुस्तकों को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कॉपीराइट सुरक्षा इस समय का महत्वपूर्ण मुद्दा है, इसलिए इस दिन कॉपीराइट सुरक्षा के महत्व पर जोर देता है, जो लेखकों और प्रकाशकों के अधिकारों की रक्षा करता है। इस दिन के माध्यम से पुस्तकों के महत्व पर जोर दिया जाता है और पुस्तकों के महत्व को समझाने और लोगों को पुस्तकों के प्रति आकर्षित करने के लिए यह दिन मनाया जाता है।