Publish Date: 05 May, 2025
Author: Anjum Qureshi
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World Cartoonist Day 2025: हर साल 5 मई को कार्टूनिस्ट दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश कार्टूनिंग उद्योग को बढ़ावा देना और कार्टूनिस्ट को प्रोत्साहित करना है। कार्टूनिस्ट नए और अलग अंदाज तें देश की समस्याओं को दुनिया के सामने रखता है। वह व्यंगत्मक कला से राजनीति, और समाज के अहम विषयों पर चोट करता है और जनता को सोचने पर मजबूर करता है। आइस जानते हैं इस दिन का इतिहास, महत्व और थीम साथ ही भारत के प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट के बारे में।
कार्टूनिस्ट दिवस का इतिहास
न्यूयॉर्क के संडे मॉर्निंग पेपर ‘न्यूयॉर्क वर्ल्ड’ ने अपने पाठकों को चौंका दिया। जब उस अखबार में एक कार्टून छपा आया। इसमें छोटा लड़का था जिसके बड़े कान थे। इस लड़के के चेहरे में मुस्कान थी जो कि उसकी शरारती प्रवृति को दर्शाती थी। यह चित्र 5 मई 1895 में अमेरिकी कॉमिक स्ट्रिप लेखक रिचर्ड आउटकॉल्ट ने बनाया था। इस कॉमिक स्ट्रिप को होगन्स एले नाम दिया गया परंतु बाद में इसका नाम बदल दिया गया। समाचार पत्र में दिया गया यह कार्टून काफी लोकप्रिय हुआ। इसे होर्डिंग्स, पोस्टकार्ड्स व अन्य जगहों पर छापा जाने लगा। इसके बाद कार्टून को व्यवसाय के रुप में जगह मिली। पहली बार कार्टूनिस्ट डे 5 मई 1999 को मनाया गया था।
कार्टूनिस्ट दिवस का महत्व
कार्टूनिस्ट दिवस कार्टूनिस्टों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन के माध्यम से कार्टूनिस्टों की कला को सम्मान देना है। कार्टूनिस्टों की कला से समाज में हास्य, मनोरंजन और सकारात्मक बदलाव आते। कार्टूनिस्ट अपनी कला के माध्यम से सामाजिक को जागृत करते हैं। राजनीतिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर व्यंग्यात्म प्रहार करके संदेश देते हैं। इस दिन को सांस्कृतिक विरासत का सम्मान देने के लिए और युवा पीढ़ी को कार्टूनिंग की कला में रुचि लेने और अपनी रचनात्मकता को उजागर करने के लिए मनाया जाता है।
भारत के प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट
शंकर पिल्लई- केशवा शंकर पिल्लई को राजनीतिक कार्टूनिंग का जनक भी कहा जाता है। उन्होंने 1948 में एक साप्ताहिक पत्रिका शंकर्ज वीकली की शुरुआत की और इस पत्रिका में अबू अब्राहम, रंगा और कुट्टी जैसे कार्टूनिस्टों ने काम किया। 1966 में शंकर पिल्लई को पद्म भूषण और 1976 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
आर के लक्ष्मण- रासीपुरम कृष्णस्वामी लक्ष्मण हास्य रस लेखक और व्यंग चित्रकार थे। वह भारत के जाने-माने कार्टूनिस्ट है। द टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए आरके लक्ष्मण ने ’यू सैड इट’ प्रतिदिन कार्टून शृंखला लिखी। जो काफी प्रसिद्ध हुई। इसके अलावा उन्होंने द कॉमन मैन नामक रचना के लिए भी जाना जाता है।
मारियो मिरांडा- मारियो मिरांडा ने के कार्टून द टाइम्स ऑफ इंडिया और इकोनोमिक टाइम्स प्रकाशित होते हैं। जो पाठकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। वह मुख्यतः इलस्ट्रेटेड वीकली के लिए के लिए बनाए गए कार्टून के लिए जाने जाते हैं। उन्हें 1998 में पद्मश्री और 2002 में पद्म भूषण सम्मानित किया गया।
प्राण कुमार शर्मा- प्राण कुमार शर्मा भारतीय कॉमिक जगत के सबसे लोकप्रिय कार्टूनिस्ट माने जाते हैं। चाचा चौधरी और साबू प्राण के सबसे लोकप्रिय कार्टून थे। इसके बाद इन पात्रों की अलग से कॉमिक पत्रिकाएं भी प्रकाशित हुईं जो काफी प्रसिद्ध हुईं। उन्हें साल 2001 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कार्टूनिस्ट्स से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला।
विजय नारायण सेठ- विजय नारायण सेठ प्रसिद्ध भारतीय कार्टूनिस्ट थे। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत राजनीतिक कार्टूनिस्ट के रूप में की। उनकी कार्टून को न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है।
कार्टूनिस्ट येसुदासन- कार्टूनिस्ट येसुदासन ने विभिन्न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में काम किया है। उन्हें राजनीतिक कार्टूनों के लिए जाना जाता है।