World Population Day 2025 : कब मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस? जानें इतिहास, थीम और महत्व

Publish Date: 10 Jul, 2025
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World Population Day 2025 : विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को दुनियाभर में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य जनसंख्या मुद्दों और समाज पर उनके प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। साल 2025 तक विश्व जनसंख्या लगभग 8.1 अरब (810 करोड़) को पार कर चुकी है। वहीं इस बात की संभावना जताई जा रही है कि 2050 तक जनसंख्या अनुमानित 9.7 बिलियन तक और साल 2080 के दशक के मध्य में जनसंख्या लगभग 10.4 बिलियन तक पहुंच सकती है। इसलिए बढ़ती जनसंख्या भी एक गंभीर मुद्दा है जिसपर चर्चा होना जरुरी है। आइए जानते हैं इस दिन की थीम, इतिहास और महत्व।

विश्व जनसंख्या दिवस का इतिहास

विश्व जनसंख्या दिवस को पहली बार 1989 में मनाया गया था। इस दिवस की स्थापना संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी। विश्व बैंक के वरिष्ठ जन सांख्यिकीविद् डॉ. के.सी. जकारिया ने विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया था। क्योंकि 11 जुलाई 1987 को विश्व की जनसंख्या पांच अरब तक पहुंच गई थी। इस दिन की स्थापना संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की शासी परिषद द्वारा की गई थी। 1990 से यह हर वर्ष वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है। इस दिन के माध्यम से वैश्विक जनसंख्या मुद्दों पर रोशनी डालनी थी साथ ही  विकास और पर्यावरण पर जनसंख्या के प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलानी थी।

विश्व जनसंख्या दिवस 2025 की थीम

विश्व जनसंख्या दिवस पर हर साल कोई विशेष थीम की घोषणा की जाती है जो उस समय की समस्याओं पर आधारित होती है। इस साल विश्व जनसंख्या दिवस 2025 की थीम “युवाओं को एक निष्पक्ष और आशापूर्णा विश्व में अपने मनचाहे परिवार बनाने के लिए सशक्त बनाना” है।

विश्व जनसंख्या दिवस का महत्व

विश्व जनसंख्या दिवस का महत्व सामाजिक-आर्थिक विकास और पर्यावरणीय स्थिरता के बारे में जागरुक करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। जनसंख्या गतिशीलता के प्रभाव के बारे में लोगों को समझाना बहुत जरुरी है। विश्व जनसंख्या वर्ष 2025 में लगभग 8.1 अरब (810 करोड़) को पार कर चुकी है। अधिक जनसंख्या के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव पड़ता है और रोज़गार की कमी होती है। अधिक जनसंख्या के कारण पर्यावरणीय क्षरण होता है इससे वन क्षेत्रों में कमी आती है साथ ही झुग्गी-बस्तियों का विस्तार, यातायात, प्रदूषण और सामाजिक असमानताएं उत्पन्न होती है। इसलिए बढ़ती जनसंख्या को रोकने से कई समस्याएं अपने आप कम हो जाती है। परिवार नियोजन, स्वास्थ्य सेवाओं, और गर्भ निरोधक उपायों के प्रति जागरूकता फैलाना।

डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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