World Thalassemia Day 2020: वर्ल्ड थैलेसिमिया डे हर साल 8 मई को मनाया जाता है। यह दिन थैलीसीमिया की बीमारी के लिए दुनिया को जागरुक करने के रूप में मनाया जाता है। थैलेसीमिया से बचाव के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता की जरूरत है। थैलेसीमिया एक अनुवांशिक विकृति है, जिसमें शरीर कम मात्रा में खून का उत्पादन करता है। भारत के वर्तमान संदर्भ में हर साल थैलीसीमिया के 10,000 नए मामले सामने आते हैं। एक जेनेटिक यानी अनुवांशिक बीमारी है जो माता-पिता से उनके बच्चों में होती है। इस बीमारी में बच्चों में खून की कमी होने लगती है, जो कि सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है। थैलीसीमिया बीमारी में ये RBC तेजी से नष्ट होने लगते हैं और नई कोशिकाएं नहीं बन पाती है। इसके लक्षण की बात करें तो इसमें यह एक जेनेटिक बीमारी है। इसलिए जन्म के 6 महीने बाद ही बच्चों में ये लक्षण तेजी से दिखने लगते हैं…… बच्चों की ग्रोथ यानी विकास रुक जाना….. उनका वजन ना बढ़ना… सांस लेने में तकलीफ….. थकान रहना
पेट की सूजन…. ये सारी शिकायतें रहती हैं। इस बीमारी से बचने के लिए हरी पत्तेदारी सब्जियां और आयरन युक्त फूड्स का सेवन करना चाहिए। इस वीडियो में हमारे साथ डॉ विकास दुआ जुड़े हैं। ये हमें इसके बारे में और जानकारी देंगे इसके लिए आप देखें ये वीडियो।